एक वृद्ध विद्वान

 एक वृद्ध विद्वान

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एक धनी व्यक्ति ने एक वृद्ध विद्वान से अपने बेटे को उसकी बुरी आदतों से दूर करने का अनुरोध किया। विद्वान युवक को एक बगीचे में घुमाने ले गया। अचानक रुककर उसने लड़के से वहाँ उग रहे एक छोटे से पौधे को बाहर निकालने के लिए कहा।

 युवक ने पौधे को अपने अंगूठे और तर्जनी के बीच पकड़ कर बाहर निकाला। फिर बूढ़े व्यक्ति ने उससे थोड़ा बड़ा पौधा निकालने को कहा। युवक ने जोर से खींचा और पौधा निकल आया, जड़ें और सब। "अब इसे बाहर निकालो," बूढ़े व्यक्ति ने एक झाड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा। लड़के को उसे बाहर निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगानी पड़ी।

 "अब इसे बाहर निकालो," बूढ़े ने एक अमरूद के पेड़ की ओर इशारा करते हुए कहा। युवक ने ट्रंक पकड़ लिया और उसे बाहर निकालने की कोशिश की। लेकिन यह टस से मस नहीं हुआ। "यह असंभव है," लड़के ने कहा, प्रयास के साथ हाँफते हुए।

 "तो यह बुरी आदतों के साथ है," ऋषि ने कहा। "जब वे छोटे होते हैं तो उन्हें बाहर निकालना आसान होता है लेकिन जब वे पकड़ लेते हैं तो उन्हें उखाड़ा नहीं जा सकता।"

 बूढ़े आदमी के साथ हुए सत्र ने लड़के की जिंदगी बदल दी।

नैतिक : अपने अंदर बुरी आदतों के बढ़ने का इंतजार न करें, उन्हें तब तक छोड़ें जब तक आप उस पर नियंत्रण कर लें, अन्यथा वे आपको नियंत्रित कर लेंगी।

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