छोटा लड़का शंकर

 छोटा लड़का शंकर

एक बार शंकर नाम का एक छोटा लड़का था। वह एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते थे। एक दिन वह कुछ लकड़ियां लेकर जंगल से गुजर रहा था। उसने एक वृद्ध व्यक्ति को देखा जो बहुत भूखा था। शंकर उसे कुछ खाना देना चाहता था, लेकिन उसके पास अपने लिए खाना नहीं था। इसलिए वह अपने रास्ते पर चलता रहा। रास्ते में उसने एक हिरण देखा जो बहुत प्यासा था। वह उसे थोड़ा पानी देना चाहता था, लेकिन उसके पास अपने लिए पानी नहीं था। सो वह अपने रास्ते आगे बढ़ गया। फिर उसने एक मनुष्य को देखा जो छावनी बनाना चाहता था, परन्तु उसके पास लकड़ी नहीं थी।

शंकर ने उसकी समस्या पूछी और उसे कुछ लकड़ियाँ दीं। बदले में उसने उसे कुछ खाना और पानी दिया।

 अब वह वापस बूढ़े के पास गया और उसे कुछ खाने को दिया और हिरण को पानी पिलाया। बूढ़ा और हिरण बहुत खुश थे। शंकर खुशी-खुशी अपने रास्ते चला गया।

 हालांकि, एक दिन शंकर पहाड़ी से नीचे गिर गया। वह दर्द में था लेकिन वह हिल नहीं पा रहा था और उसकी मदद करने वाला कोई नहीं था। लेकिन, जिस बूढ़े ने पहले उसकी मदद की थी, उसने उसे देखा, वह जल्दी से आया और उसे पहाड़ी पर खींच लिया।

उसके पैरों में कई घाव थे। जिस हिरण को शंकर ने पानी पिलाया था, उसने उसके घाव देखे और जल्दी से जंगल में जाकर कुछ जड़ी-बूटियाँ ले आया। कुछ देर बाद उसके जख्मों को ढक दिया गया। सभी बहुत खुश थे कि वे एक दूसरे की मदद करने में सक्षम थे।

  Moral: यदि आप दूसरों की मदद करते हैं, तो वे भी आपकी मदद करेंगे।

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