लेमन केक

 लेमन केक 

Listen to this story on our YouTube channel



https://youtu.be/Na7y6i3Nk4E

होटल ताज के रेस्टोरेंट में बड़े बड़े लोग अपनी टेबलों पर बैठे थे, होटल की ख़ामोशी में प्लेटों और चम्मच काँटों की धीमी धीमी सी आवाज़ आ रही थी, जैज़ म्यूजिक से माहौल और भी खुशनुमा हो रहा था. अचानक रेस्टोरेंट का दरवाज़ा खुला और 50 -55 साल की रमा रेस्टोरेंट में आयी, उसने साधारण सा सलवार सूट पहना हुआ था और पैरों में रबर की चप्पल पहन रखी थी, उसके हाथ में एक छोटा सा सिक्को का पाउच था. 

उस समय हर कोई उससे घृणा की नज़र से देख रहा था. जैसे ही उस रमा ने दो कदम आगे बढ़ाये बराबर की टेबल पर बैठे एक आदमी ने कहा " ताज का स्टेटस भी कितना डाउन हो गया है कोई भी आ जाता है, मुझे तो बदबू आ रही है लगता है ये कई दिन से नहीं नहीं है। इस तरह और भी लोग आपस में कानाफूसी करने लगे।  यह सब देख कर , एक वेट्रेस उसके पास आयी, और कहाँ  " हाउ कैन ऑय हेल्प यू?", उस रमा ने दबी आवाज़ में कहा की मुझे एक लेमन केक लेना है।  वेट्रेस ने हँसते हुए कहा " मैडम मुझे नहीं लगता की आपके पास हमारे रेस्टोरेंट का लेमन केक लेने के लिए पैसे होंगें ? बेहतर होगा की आप बाहर किसी छोटी सी दुकान से अपना केक लेले क्यूंकि आपकी वजह से हमारे गेस्ट परेशान हो रहे है। "

फिर भी उस रमा के कहने पर वो उसे कन्फेक्शनरी सेक्शन में ले गयी। कन्फेक्शनरी सेक्शन में जाते ही उस रमा की नज़रें अपने लेमन केक को ढूँढने लगी, और जैसे ही उसने लेमन केक देखा, उसकी आखों में चमक आ गयी। उसने वेट्रेस से पूछा, कि क्या वह लेमन केक का एक स्लाइस खरीद सकती है, क्यूंकि उसके पास पूरे केक के लिए पैसे नहीं है।  

वेट्रेस ने गुस्से से मना करते हुए कहा की मैंने आपसे पहले ही कहा था, कि आपके पास हमारा केक खरीदना के पैसे नहीं होंगे, रमा ने वेट्रेस से बहुत रिक्वेस्ट किया पर वेट्रेस ने गार्ड्स को बुला लिया और उसे बाहर जाने के लिए कहने लगी, उस समय रेस्टोरेंट में बैठे हर इंसान के चेहरे पर घृणा और कठोरता की भावना साफ़ दिख रही थी, ऐसा लग रहा था की पढ़े लिखे लोगों की अज्ञानता के विचार रेस्टोरेंट के जाज म्यूजिक के साथ गाना गा रहे हो, और बेबस रमा की लाचारी पर हँस रहे हों। रमा अपना सा मुँह ले कर बाहर जाने लगी उसकी आखों के आंसुओं की भाषा कोई नहीं समझ प् रहा था। 

होटल के कार्नर की टेबल पर कर्नल अपनी वाइफ के साथ बैठ कर ये सब देख रहे थे।  रमा को जाते देख कर, उन्होंने उसे रोका और अपने पास बुलाया, कर्नल की वाइफ ने रमा को अपने पास बिठाया और पानी पिलाया , अब रमा अपनी भावनाओं को रोक नहीं पायी और रोने लगी, उसने भावुकता के साथ कर्नल से कहा, " मेरे पति का कपड़ों का बहुत बड़ा बिज़नेस था , हम अपने परिवार के साथ यहाँ अक्सर डिनर करने आते थे, कुछ महीने पहले मेरे पति के देहांत हो गया और हमारा काम पूरी तरह से क़र्ज़ में डूब गया, हमारा घर भी नहीं रहा, मेरे ससुर इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाए और पिछले महीना वो भी चल बसे।  अब मेरे परिवार में मैं , मेरे दो बच्चे और मेरी सास रहते है।  मेरी बेटी ८ साल की है और उसे लास्ट स्टेज का कैंसर है, आज उसका बर्थडे है और वो अपने पापा को बहुत याद कर रही थी इसलिए मैं उसके पापा की तरह उसके लिए उसका फेवरेट लेमन केक ले जाना चाहती थी पर शायद मैं उसे ये आखिरी ख़ुशी भी नहीं दे पाऊँगी, उसकी बात सुनकर कर्नल और उसकी वाइफ रोने लगे, उन्होंने उसी वेट्रेस को बुलाया और उसके लिए पूरा केक पैक करने के लिए कहा। 

रमा ने झिझकते हुए मना किया , पर कर्नल की वाइफ ने कहा, " पिछले साल हमने अपने २० साल के बेटे को एक कार एक्सीडेंट में खो दिया , आज उसका बर्थडे है और हम उसका बर्थडे हर साल यही पर सेलिब्रेट करते थे। उसका भी फेवरेट केक लेमन केक था, पर उसके बिना उसका जन्मदिन मानाने में अधूरा लग रहा था। अब उसका जन्मदिन आपकी बेटी की खुशियों के साथ पूरा हो जायेगा। "  रमा निशब्द थी, वो उनको कुछ नहीं बोल पाई। उन तीनो की ख़ामोशी ने हज़ारों शब्द बोल दिए इतने में वेट्रेस लेमन केक पैक करके ले आयी।  रमा ने केक ले लिया, और करनाल और उसकी वाइफ को अपने घर आने के लिया कहा, वो दोनों उसके साथ जाने के लिया तैयार हो गए, और ख़ुशी ख़ुशी उस रेस्टोरेंट से बाहर निकलने लगे। 

रमा ने जाते वक़्त पीछे मुड़कर हर शख्स को देखा, अब उनकी आखों में अज्ञानता की घृणा नहीं, बल्कि एक शर्मिंदगी थी....